शिक्षक दिवस पर हम केवल पारंपरिक विद्यालयी शिक्षकों को ही नहीं, बल्कि उन सभी महान व्यक्तित्वों को भी नमन करते हैं, जिन्होंने अपने ज्ञान, अनुभव और अनवरत समर्पण से भारतीय क्रिकेट को एक नई दिशा दी। आज हम उन असंख्य कोचों और मेंटर्स को याद करते हैं, जिनके अथक प्रयासों से भारत ने क्रिकेट के अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर अपनी पहचान बनाई।
🌟 स्व. तारक सिन्हा जी –
स्व. तारक सिन्हा जी ने न केवल दिल्ली क्रिकेट को एक नई पहचान दी, बल्कि उन्होंने विश्व स्तरीय खिलाड़ियों का निर्माण भी किया। उनके मार्गदर्शन में प्रशिक्षित हुए प्रमुख खिलाड़ी हैं:
ऋषभ पंत, अशीष नेहरा, आकाश चोपड़ा, Anjum Chopra, Jhoolan Goswami, राज कुमार शर्मा (विराट कोहली के गुरु), LATE रमन लम्बा Sanjeev Sharma, सुरेंद्र खन्ना, बलदेव सिंह गुस्सैन, अतुल वासन, अजय शर्मा, भास्कर पिल्लई, मनोज प्रभाकर, मयंक यादव (भारत के सबसे तेज गेंदबाजों में से एक), आयुष बदोनी, हिम्मत सिंह, मदन शर्मा (शिखर धवन के कोच)
इन खिलाड़ियों ने भारतीय क्रिकेट को नई ऊँचाईयों तक पहुँचाया, और तारक सिन्हा जी की कोचिंग में प्राप्त अनुशासन और तकनीक उनके करियर की बुनियाद बनी।
Dronacharya राज कुमार शर्मा जी 🌸
राज कुमार शर्मा जी भारतीय क्रिकेट के उन महान कोचों में से एक हैं, जिन्होंने न केवल खेल की तकनीक सिखाई, बल्कि खिलाड़ियों के चरित्र और मानसिकता को भी संवारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हें Dronacharya Award से सम्मानित किया गया, जो देश में खेल कोचिंग के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वालों के लिए सर्वोच्च सम्मान है।
राज कुमार शर्मा जी का सबसे विशेष योगदान है विराट कोहली जैसे विश्व स्तरीय क्रिकेटर को निखारना। विराट कोहली, जो आज भारतीय और विश्व क्रिकेट के सबसे सफल बल्लेबाजों में से एक हैं, अपने शानदार करियर की शुरुआत में राज कुमार शर्मा जी के मार्गदर्शन में तकनीक, अनुशासन और मानसिक दृढ़ता के साथ प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं।
राज कुमार शर्मा जी का विश्वास था कि हर खिलाड़ी में एक विशेष प्रतिभा होती है, बस उसे सही दिशा और प्रोत्साहन की आवश्यकता होती है। उनकी कोचिंग पद्धति ने विराट कोहली को न केवल एक शानदार बल्लेबाज बनाया, बल्कि एक सशक्त और प्रेरणादायक कप्तान भी गढ़ा।
उनका समर्पण निःस्वार्थ था; उन्होंने कई खिलाड़ियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाकर भारतीय क्रिकेट को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया। आज विराट कोहली जैसे खिलाड़ी की सफलता के पीछे राज कुमार शर्मा जी का मार्गदर्शन और अथक परिश्रम एक अमूल्य योगदान के रूप में माना जाता है।
🙏 Dronacharya राज कुमार शर्मा जी को हार्दिक नमन, जिन्होंने भारतीय क्रिकेट के भविष्य को संवारा और प्रेरणा दी। 🌸
विशेष श्रद्धांजलि – स्व. ओ.पी. मल्होत्रा जी 🌸
स्व. ओ.पी. मल्होत्रा जी, जो कि डीएवी कॉलेज के फिजिकल एजुकेशन डायरेक्टर थे, का भारतीय खेल और खासकर दिल्ली क्रिकेट के विकास में अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान रहा। उन्होंने न केवल तारक सिन्हा सर को डीएवी कॉलेज में नौकरी पर लगाया, बल्कि अनेक युवा खिलाड़ियों को एक मंच प्रदान किया, जहाँ से वे अपनी प्रतिभा को निखार सके।
उनका दूरदृष्टि नेतृत्व और खेल के प्रति समर्पण ने कई खिलाड़ियों के सपनों को साकार करने में मदद की। आज हम उनके उस अमूल्य योगदान को याद करते हैं, जिसने भारतीय क्रिकेट को नई ऊँचाईयों तक पहुँचाने में सहारा दिया।
🙏 स्व. ओ.पी. मल्होत्रा जी को कोटि-कोटि नमन। 🌸
🌸 गुच्ची पाजी –
गुच्ची पाजी के मार्गदर्शन में भी कई महान खिलाड़ी उभरे, जिनमें प्रमुख हैं:
कीर्ति आज़ाद ,मनीन्दर सिंह ,अजय जडेजा ,विवेक राजदान ,निखिल चोपड़ा ,गुरशरण सिंह
गुच्ची पाजी का व्यक्तिगत ध्यान खिलाड़ियों की छुपी हुई प्रतिभा को उजागर करने में अद्वितीय रहा। उनकी प्रेरणादायक कोचिंग ने कई खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता दिलाई।
सुनीता शर्मा मैडम (Dronacharya Awardee) 🌸
सुनीता शर्मा मैडम भारतीय क्रिकेट की पहली महिला कोच हैं, जिन्होंने सीमाओं को तोड़ते हुए खेल की दुनिया में अपनी विशेष पहचान बनाई। उनके अद्वितीय दृष्टिकोण और अथक प्रयासों ने भारतीय महिला क्रिकेट को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया।
सुनीता शर्मा जी को Dronacharya Award से सम्मानित किया गया, जो देश में कोचिंग के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वालों को दिया जाता है। यह पुरस्कार उनके समर्पण, नेतृत्व क्षमता और खेल के प्रति जुनून का प्रतीक है।
मैडम सुनीता शर्मा ने महिला खिलाड़ियों में न केवल तकनीकी क्षमता का विकास किया, बल्कि उनमें आत्म-विश्वास, अनुशासन, मानसिक दृढ़ता और संघर्ष करने की शक्ति भी पैदा की। उनके कोचिंग सत्रों में खिलाड़ियों को निखारने का तरीका, उनकी प्रेरणादायक सलाह और मानवीय दृष्टिकोण ने भारतीय महिला क्रिकेट को एक सशक्त मुकाम दिया।
आज की कई प्रमुख महिला क्रिकेट खिलाड़ी उनके मार्गदर्शन में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल रही हैं, भारत का मान बढ़ा रही हैं।
सुनीता शर्मा मैडम का योगदान न केवल एक कोच के रूप में, बल्कि एक प्रेरणास्रोत और आदर्श के रूप में भी याद किया जाता रहेगा। उनके द्वारा दी गई सीखें आज भी अनगिनत खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हुई हैं।
🙏 हम दिल से सम्मानित करते हैं सुनीता शर्मा मैडम को, जिन्होंने महिला क्रिकेट में नई क्रांति लायी और खेल को नारी शक्ति का प्रतिबिंब बनाया। 🌸
🌟 संजय भारद्वाज जी –
संजय भारद्वाज जी ने सैकड़ों युवा क्रिकेटरों को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाया। उनके प्रमुख प्रशिक्षित खिलाड़ी:
गौतम गंभीर ,अमित मिश्रा ,जोगिन्दर शर्मा ,अनमुक्त चंद
इन खिलाड़ियों ने भारतीय क्रिकेट के लिए यादगार प्रदर्शन दिए, खासकर 2011 की विश्व कप जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। संजय भारद्वाज जी ने हमेशा खिलाड़ियों में अनुशासन और मानसिक मजबूती का विकास किया।
🌸 सरवन कुमार जी –
सरवन कुमार जी भारतीय क्रिकेट के एक अद्वितीय और निःस्वार्थ कोच हैं, जिन्होंने अपने जीवन को खेल सेवा के लिए समर्पित किया। उनके अथक प्रयास और गहन अनुभव से भारतीय क्रिकेट ने कई प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को प्राप्त किया।
विशेष रूप से, सरवन कुमार जी ने महान तेज़ गेंदबाज इशांत शर्मा को निखारा। इशांत शर्मा ने अपने बेहतरीन प्रदर्शन और भारतीय टीम के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल कीं। उनकी लंबी गेंदबाजी की यात्रा की शुरुआत सरवन कुमार जी के मार्गदर्शन से हुई थी, जिन्होंने उन्हें तकनीकी दक्षता, अनुशासन और मानसिक मजबूती से लैस किया।आज के समय में, सरवन कुमार जी का योगदान केवल पुरुष क्रिकेट तक सीमित नहीं है।
वे भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए भी एक प्रेरणास्त्रोत बने हुए हैं। उनकी कोचिंग के तहत कई महिला खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शानदार प्रदर्शन किया है।
उनकी प्रशिक्षण पद्धति ने आज की महिला क्रिकेट टीम में कई प्रशिक्षित और उत्कृष्ट खिलाड़ियों को जन्म दिया है, जो भारत का नाम गर्व से विश्व मंच पर रोशन कर रही हैं।
सरवन कुमार जी निःस्वार्थ भाव से बिना किसी शुल्क के कोचिंग देते हैं, यह उनकी सेवा भावना और खेल के प्रति गहरा प्रेम प्रदर्शित करता है। उनके समर्पण से ना केवल एक गेंदबाज की सफलता संभव हुई, बल्कि भारतीय क्रिकेट का भविष्य भी सुरक्षित हुआ।
🌟 स्व. राधेश्याम जी –
स्व. राधेश्याम जी का योगदान अमूल्य है। उन्होंने न केवल तकनीक सिखाई, बल्कि खिलाड़ियों को संघर्षशील बना कर उनका आत्मविश्वास बढ़ाया। उनके प्रशिक्षित खिलाड़ी में मोहन चतुर्वेदी जैसे प्रतिभाशाली क्रिकेटर शामिल हैं।
🌸 आर.पी. शर्मा जी और टी.वी. सुब्रमण्यम (मणि) जी –
इन दोनों गुरुजनों ने बिना किसी शुल्क के वर्षों तक निःस्वार्थ भाव से कोचिंग दी। उनका मानना था कि सच्चा गुरुत्व केवल ज्ञान बाँटने में नहीं, बल्कि सेवा में है। उनकी शांति, अनुशासन और समर्पण की शिक्षा आज भी कई खिलाड़ियों के जीवन में प्रेरणास्त्रोत बनी हुई है।
🙏 निष्कर्ष:
इन महान कोचों और मेंटर्स ने यह सिद्ध कर दिया कि शिक्षक केवल तकनीक सिखाने वाले नहीं होते, बल्कि वे आत्म-विश्वास, चरित्र निर्माण, अनुशासन और संघर्ष की ताक़त सिखाते हैं। उनकी कोचिंग का प्रभाव न केवल क्रिकेट में दिखता है, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में खिलाड़ियों को दिशा देता है।
शिक्षक दिवस पर हम इन सभी गुरुजनों को शत-शत नमन करते हैं, जिन्होंने अपनी सेवा भावना से भारतीय क्रिकेट को विश्व पटल पर पहुँचाया। उनका योगदान अमूल्य और अविस्मरणीय रहेगा। 🌸🙏
🌸 शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।